Madak Dravya Kya Hai, मादक पदार्थ क्या होते है, मादक पदार्थों और उनके दुष्परिणाम, मादक पदार्थों के सेवन के नुक़सान, मादक पदार्थों के नाम,
समाज में कुछ ऐसी वस्तु का प्रचलन है जो स्वास्थ्य की नींव को बुरी तरह प्रभावित करती हैं. इनसे होने वाले नुकसान की भरपाई करना असंभव हो जाता है. ऐसी सभी वस्तुएं मादक प्रभाव डालने वाली होती है जैसे कि तंबाकू, सिगरेट, चाय, शराब इत्यादि. अगर आप अच्छा स्वास्थ्य चाहते हैं तो इस प्रकार के मादक द्रव्यों (Madak Dravya) का सेवन करने से दूर रहना चाहिए।
मादक वस्तुओं के प्रभाव से मनुष्य की बुद्धि और चेतना की शक्ति भी धीरे-धीरे क्षीण हो जाती है और वह अपने पर नियंत्रण नहीं रख सकता मादक वस्तुओं का अधिक उपयोग करने से मनुष्य का स्वास्थ्य तो नष्ट होता ही है नैतिक व सामाजिक पतन भी हो जाता है।
अतः ऐसी हानिकारक वस्तु से दूर रहकर संयमित जीवन बिताने से ही हम अपने जीवन को सुखी और आनंदमय बना सकते हैं। और जीवन की सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचने की आशा रख सकते हैं।
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मादक द्रव्य और उनके दुष्परिणाम (Madak Dravya And Their Harmful Health Impact )
विभिन्न प्रकार की मादक वस्तुओं(Madak Dravya) का उपयोग संसार के सभी देशों में किसी न किसी रूप में प्राचीन समय से ही होता चला आ रहा है। प्राचीन इतिहास में भी इसे मदिरापान के रूप में जाना जाता था तथा वर्तमान युग में दो मादक वस्तुओं की संख्या व उनके(madak dravya का) उपयोग बहुत ही ज्यादा बढ़ गया है।
यह सभी वस्तुएं शरीर पर विनाशकारी प्रभाव डालती हैं। और इस प्रकार मनुष्य के स्वास्थ्य को नष्ट करती हैं अगर आप अपने स्वास्थ्य को ठीक रखना चाहते हैं तथा जीवन को सफल बनाना चाहते हैं तो इन सभी मादक पदार्थों के सेवन से दूर रहना चाहिए।
1. चाय
भारत में चाय पीने का प्रचलन अंग्रेजों के समय से है और आज की नई जनरेशन चाय पीने को एक विशेष सामाजिक व्यवस्था मानती है। चाय का प्रचलन आज के समय हर एक गांव और शहर में है। चाय के हरे पौधे की पत्तियों को सुखाकर इसको तैयार किया जाता है।
चाय में पाए जाने वाले मादक द्रव्य
चाय में मुख्य रूप से कैफीन तथा टैनिन नामक पदार्थ पाए जाते हैं.
चाय के मादक द्रव्यों (madak dravyo) का शरीर पर दुष्परिणाम
कैफीन: इसकी उपस्थिति के कारण चाय पीने से शरीर में उत्तेजना आती है और सुस्ती के समय चाय पीने से शरीर में ताज़गी सी महसूस होती है। साधारण रूप से इस्तेमाल करने पर यह उत्तेजना हानिकारक नहीं होती है परंतु लगातार और एक निश्चित सीमा से अधिक कैफीन की मात्रा शरीर में पहुंचने से यह नुकसानदायक हो जाती है।
टेनिन के नुक़सान: यह एक प्रकार का जहर है और शरीर में इसकी मौजूदगी होने से कब्ज की समस्या होने लगती है। इसका प्रमुख कारण यह है कि जब हम चाय पीते हैं तो टेनिन शरीर में पहुँच जाता है और अमाशय की झिल्ली पर विशेष प्रभाव डालता है और साथ ही प्रोटीन युक्त भोजन को अपाचय बना देता है।
आपने अक्सर देखा होगा कि जो लोग ऑफिस में काम करते हैं और शहरों में रहते हैं बे दूध पीते हैं तो उन्हें तुरंत ही पेट खराब होने की शिकायत हो जाती है। और यह लोग अक्सर शिकायत करते हैं कि हमें दूध नहीं पचता।
इसका प्रमुख कारण है कि आप चाय पीते हैं जिससे टेनिन की मात्रा के शरीर में पहुंच गई है और उसने वसायुक्त भोजन पाचना बंद हो गया है।
2. कॉफी
कॉफी को एक विशेष प्रकार के वृक्ष के बीज को पीसकर बनाया जाता है। कॉफी में भी चाय की तरह ही कैफीन और टैनिन नामक हानिकारक पदार्थ पाए जाते हैं। लेकिन इनकी मात्रा चाय की तुलना में थोड़ी कम होती है।
यही कारण है कि डॉक्टर लोग चाय की अपेक्षा कॉफी पीना ज्यादा पसंद करते हैं। देखा जाए तो कॉफी पीना चाय पीने से ज्यादा सुरक्षित है परंतु हमें किसी भी चीज की अधिकता नहीं करनी चाहिए अगर हम एक लिमिट से ज्यादा चाय पिएंगे या कॉफी पिएंगे तो हमारे शरीर पर इसके विपरीत या प्रतिकूल प्रभाव जरूर करेंगे।
3. कोको
कोको में विशेष मादक पदार्थ नहीं होते हैं अतः चाय और कॉफी के तुलना में इसका सेवन ज्यादा लाभप्रद माना जाता है। परंतु यह भी एक मादक द्रव्य(Madak Dravya) है जिसका प्रयोग करने से हमें बचना चाहिए।
ज्यादा कोको का सेवन करने से बच्चों के दांत खराब हो जाते हैं और उन्हें पाचन से संबंधित शिकायत हो जाती हैं।
4. अल्कोहल या शराब
शराब भी एक बहुत हानिकारक मादक द्रव्य(Madak Dravya) है। शराब के अंदर मुख्य रूप से अल्कोहल नामक मादक पदार्थ पाया जाता है। शराब कई प्रकार की होती हैं जिनमें से कुछ के अंदर मादक पदार्थों की संख्या कम होती है तथा कुछ के अंदर मादक पदार्थों की संख्या बहुत ज्यादा होती है।
शराब का सेवन मनुष्य की तंत्रिकाओं को उत्तेजित करता है तथा हृदय को भी प्रेरित करता है शराब की थोड़ी मात्रा औषधि की तरह प्रभाव कारी होती है किंतु वर्तमान समय में कुछ वैज्ञानिक इसका औषधि के रूप में ही प्रयोग करने के पक्ष में नहीं है।
शराब का सेवन करने से मनुष्य को इसकी लत लग जाती है और उसके अंगों में शिथिलता की समस्या हो जाती है।
शराब से होने वाली हानि
- शराब समस्त शरीर और मस्तिष्क को शिथिल कर देती है इससे मनुष्य की चेतना शक्ति शिथिल पड़ जाने के कारण ही शराबी व्यक्ति पागलों के जैसा व्यवहार करने लगता है।
- शराब पानी बहुत सोचती है और शरीर से जल की मात्रा खींच लेती है जिस कारण शरीर में रक्त गाढ़ा हो जाता है और उसका वह आप ठीक से नहीं हो पाता है।
- जल की कमी के कारण त्वचा सूखी सूखी हो जाती है प्यास खूब लगती है और शरीर में जलन क्यों होता है।
- शराब का अधिक सेवन करने से मनुष्य की पेशियां कमजोर हो जाती हैं जिससे व्यक्ति की कार्य क्षमता घट जाती है।
- ज्यादा शराब पीने से मनुष्य का यकृत प्रभावित होता है क्योंकि अल्कोहल के कारण यकृत सही से रसों का शराब नहीं कर पाता जिससे पाचन क्रिया असंतुलित हो जाती है। शराब पीने वाले व्यक्तियों के भाग जल्दी नहीं भरते हैं क्योंकि रक्त का थक्का बनाने के लिए आवश्यक पदार्थों का निर्माण समय से नहीं हो पाता है।
- अल्कोहल के हानिकारक प्रभाव से लीवर के बड़े अमाशय और स्त्रियों में गर्भाशय आदि की कार्य क्षमता लगातार कम होती जाती है।
- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है जिससे हैजा छह रोग और निमोनिया जैसी बीमारी जल्दी से शरीर को पकड़ लेते हैं।
- शराब पीने वाले व्यक्तियों के परिवारों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति भी दयनीय हो जाती है बच्चों को अच्छी शिक्षा उच्च स्तरीय भोजन पारिवारिक कलह आदि ऐसे परिवारों में आम बात होती हैं।
- शराब पीने से मनुष्य का नैतिक पतन भी होता है शराबी व्यक्ति अपने खर्च को पूरा करने के लिए अन्य सदस्य की आवश्यकता की चिंता नहीं करता है कि बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है बच्चे भी पिता की बुरी आदतों को सीखकर अपना जीवन नष्ट कर लेते हैं।
5. भांग
भांग पौधे की हरी पत्तियों से प्राप्त किया जाता है किंतु जब भांग के पौधे नहीं उगते हैं उस मौसम में भांग की पत्तियों को सुखाकर और पीसकर बेचा जाता है। अमीर लोग तो भांग की पत्तियों को छाछ में डालकर और ठंडाई में डाल कर पीते हैं।
6. अफीम
अफीम भी एक बहुत हानिकारक मादक वस्तु है इसकी मात्रा अधिक होने से मृत्यु हो जाती है इसका विस्तार होता है यह घातक होने के साथ-साथ एक उत्तम औषधि भी होती है।
छोटे बच्चों को निमोनिया हो जाए उसकी सिकाई की जाती है तो दर्द में बहुत आराम मिलता है। औषधीय गुण होने के साथ-साथ एक शहर है इसके उपयोग से हमेशा दूर रहना चाहिए।
7. गांजा चरस
मादक पदार्थों को चिलम में रखकर धूम्रपान किया जाता है धूम्रपान के दुष्परिणाम के साथ पदार्थों के प्रयोग से स्वास्थ्य नष्ट हो जाता है। अधिक मात्रा में सेवन करने से जीवन असहाय हो जाता है।
8. पान तंबाकू धूम्रपान
पान खाने का प्रचलन भारत में बहुत प्राचीन समय से है पान में जो चूना खाया जाता है वह लाभप्रद होता है किंतु सुपारी का अधिक उपयोग हानिकारक होता है। पान खाने से दांत खराब हो जाते हैं।
आदत के रूप में पान खाने वाले लोग उसमें तंबाकू भी खाते हैं यदि पान में तंबाकू न डाला जाए तो उसकी लत नहीं लगती। क्योंकि तंबाकू में निकोटीन नामक जहर पाया जाता है जो धीरे-धीरे शरीर को तथा स्वास्थ्य को बुरी तरह नष्ट कर देता है।
प्रति 100 औंस तंबाकू की सूखी पत्तियों में 2 औंस निकोटिन पाया जाता है। यदि निकोटीन की दो बूंदे ही स्वस्थ मनुष्य को दी जाए तो उसकी तत्काल में रखती हो सकती है हो जाती है उसके अनुसार आप अनुमान लगा सकते हैं कि यह कितना हानिकारक है।
धूम्रपान के द्वारा भी लोग तंबाकू का सेवन करते हैं यह भी स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है। धूम्रपान करने से मनुष्य के फेफड़े खराब हो जाता है और उसे संबंधित बीमारियां हो जाती हैं।
प्रमुख मादक पदार्थ और उनके दुष्परिणाम
मादक द्रव्य (Madak Dravya) | मादक पदार्थ | स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव |
---|---|---|
चाय | कैफीन, टेनिन | उत्तेजना, अपच, कब्ज, गैस |
कॉफी | कैफीन, टेनिन | उत्तेजना, अपच, कब्ज, गैस |
कोको (चॉकलेट) | कोको | दांत खराब |
अल्कोहल (शराब) | अल्कोहल | लीवर खराब, रक्तचाप, घाव ना भरना, निमोनिया, हैजा |
भांग | धीमा जहर | शिथिलता,रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है |
अफीम | अफीम, तीव्र जहर | शिथिलता, बुद्धि कुंठित होना |
गांजा | निकोटीन | शिथिलता |
चरस | निकोटीन | शिथिलता |
पान | सुपारी | दांत खराब |
तंबाकू | निकोटीन | जहर |
धूम्रपान | निकोटीन | जहर |
FAQs
चाय में कौन-कौन से तत्व पाए जाते हैं?
कैफ़ीन और टेनिन नामक दो मादक द्रव्य पाए जाते हैं।
चॉकलेट में कौन सा पदार्थ पाया जाता है?
कोको
तंबाकू में कौन सा जहर पाया जाता है?
निकोटीन
मादक पदार्थों के नाम क्या हैं?
मादक पदार्थों के नाम हैं चाय, कॉफी, चॉकलेट, शराब, गांजा चरस, अफीम, पान तंबाकू इत्यादि।
नशा करने के क्या-क्या नुकसान होते हैं?
नशा करने से मनुष्य को इसकी लत लग जाती है तथा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे क्षीण हो जाती है मनुष्य के शरीर में रोग पनपने लगते हैं और अंत में उसकी मृत्यु हो जाती है।