भोजन क्या है? | Bhojan Kya Hai Hindi [ भोजन के कार्य और पोषक तत्व ]

भोजन क्या है? | Bhojan Kya Hai Hindi [ भोजन के कार्य और पोषक तत्व ]

भोजन का स्वास्थ्य से घनिष्ट सम्बन्ध है. भोजन के माध्यम से पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है। पोषक तत्वों की प्राप्ति भोजन की पर्याप्त मात्रा होने से अथवा स्वादिस्ट होने से नही होती है। इसके लिए भोजन का स्वास्थ्यप्रद होना बहुत ज़रूरी है।

भोजन स्वास्थ्यप्रद न होने से कभी स्वास्थ्य कभी ठीक नही रह पाता. अच्छे और स्वास्थ्यप्रद भोजन से तात्पर्य बहुत ही मसाले वाले, चटपटे भोजन या आम, अंगूर, अनार आदि से नही है वरन ऐसा भोजन स्वाद वर्धक भी नही होता है।

भोजन का अभिप्रया [ भोजन की परिभाषा ]

हमारा शरीर विभिन्न तत्वों से मिलकर बना होता है. इन तत्वों में कार्वन, हाइड्रोजन,आक्सीजन, लोहा कैल्सियम और फास्फोरस मुख्य है. अत: हमारा भोजन ऐसा हो जिसमे सभी तत्व मोजूद हो|

भोजन मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है –

  1. शाखाहरी
  2. मांसहारी

दोनों ही प्रकार के Bhojan ke मुख्य अवयव है-

  • प्रोटीन
  • वसा
  • खनिज लवण
  • कार्बोहाइड्रेट तथा
  • जल

गृहिणिया प्राय: स्वादिस्ट भोजन को पकती है. किन्तु उन्हें इस बात का ज्ञान नही होता है की किस व्यक्ति को कब, कितना व कैसा भोजन दिया जाना चाहिय. और न ही भोजन की पौष्टिकता पर ध्यान दिया जाता है.

जबकि प्रत्येक व्यक्ति उसकी आयु, लिंग, वातावरण के आधार पर विभिन्न विभिन्न समय पर विभिन्न प्रकर के भिन्न – भिन्न प्रकार के भोजन की आवश्यकता होती है.

यह भोजन हमारे शरीर की वृद्धि, शरीर की छमता, तथा हमारे दैनिक जीवन के आधार पर भी निर्भर करता है। मान लीजिए आप कुछ मानसिक कार्य करते हैं तब आपके लिए संतुलित भोजन कुछ अलग प्रकार का होगा।

और यदि आप शारीरिक मेहनत वाला काम करते हैं जैसे की एक्सरसाइज, तो आपको एक अलग प्रकार के भोजन की जरूरत होगी। हर मनुष्य के भोजन की जरूरत हर एक मौसम में भी बदल जाती है।

जो भोजन आप सर्दियों में ज्यादा खाते हैं जरूरी नहीं है कि वह भोजन गर्मियों के मौसम में भी आपके शरीर को उतना ही फायदा दे। तथा कुछ विशेष भोजन ऐसे होते हैं जिन्हें समय के अनुसार भी खाया जाता है यह हमारे शरीर की प्रकृति पर भी निर्भर करता है।

अत: एक गृहिणी को अपने परिवार के सदस्यों की विभिन्नपौष्टिकता सम्बन्धी आवश्यकताओ को पूरा करने के लिए भोजन सम्बन्धी निम्न बातो की जानकरी होनी आवश्यक है:

  1. भोजन में उपस्थित विभिन्न तत्वों के पोषक मूल्यों का ज्ञान होना चाहिए.
  2. संतुलित व पौष्टिक भोजन कैसे तैयार किया जाता है.
  3. सभी सदस्यों की विभिन्न आवश्यकताओ को ध्यान में रखते हुए उन्हें भोजन उपलब्ध करना.
  4. परिवार की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपने बजट में ही पूर्ण संतुलित आहार की प्राप्ति करना.

भोजन की उपयोग्यता – [ भोजन के कार्य ]

भोजन
भोजन

भोजन का मुख्य कार्य शरीर को ऊर्जा या शक्ति प्रदान करना है। यह कार्य उसमे मौजूद पोषक तत्वों के द्वारा किया जाता है। पोषक तत्वों की प्रप्ति के साथ – साथ भोजन अन्य उदेश्यों की पूर्ति के लिए भी आवश्यक है।

1. स्वस्थ शरीर का निर्माण –

गर्भावस्था से मृत्यु तक शरीर का समस्त पोषण व विकास भोजन द्वारा ही होता है। भोजन से प्राप्त पोषक तत्वों के द्वारा व्यक्ति का शारीरिक, मानशिक विकास होता है

नई कोशिकाओ का निर्माण, टूटी- फूटी कोशिकाओ व उत्तक की मरम्मत भी लगातार होती रहती है. भोजन में उपस्थित पौष्टिक तत्वों का मनुष्य के सम्पूर्ण विकास में विशेस योगदान होता है.

2. ऊर्जा उत्पन्न करना –

भोजन से मनुष्य अपने दैनिक क्रियाकलापों के लिए ऊर्जा प्राप्त करता है. हमारे शरीर में प्रतिपल अनेक शारीरिक क्रियाए एक साथ चलती रहती है। हम में से लगभग सभी लोग प्रतिदिन सोने का काम करते हैं।

और ऐसा मानते हैं कि सोने के समय हमारे शरीर की सभी क्रियाएं बंद रहती है और हमें बहुत आराम मिलता है। परंतु वास्तव में ऐसा नहीं है जब हम सोए हुए होते हैं उस समय भी हमारा शरीर बहुत से अंदरूनी कार्य कर रहा होता है।

और उन सभी कार्य करने के लिए हमें अच्छी खासी ऊर्जा की जरूरत होती है।

जैसे:-

  • ह्रदय का धडकना,
  • मांसपेशियों का संकुचन,
  • शरीर में जल की मात्रा का संतुलन,
  • शारीरिक ताप का नियंत्रण
  • रक्त परिसंचरण,
  • विषैले पदार्थो का निष्कासन आदि|

इन सभी कार्यो के लिए पर्याप्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है जिसमे वसा व कार्बोहाइड्रेट तत्वों क विशेष योगदान होता है.

प्राय: शरीर द्वारा ऊर्जा प्राप्त करने के लिए कार्बोहाइड्रेट का प्रयोग सर्वाधिक होता है. जबकि उतनी ही मात्रा की वसा से तिन गुनी अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है.

कार्बोहाइड्रेट का क्योकि पाचन आसान है इसलिए इससे उर्जा प्राप्त करना आसान होता है|

3. रोग प्रतिरोध क्षमता का विकास –

भोज्य पदार्थो में कुछ विशेष ऐसे तत्व होते है जिनमे शरीर की रोगों से रक्षा व भयंकर रोगों से लड़ने हेतु रोग – प्रतिरोधक छमता क विकास होता है. विटानिस व खनिज लवण ऐसे ही तत्व है जिनसे हमे रोगों से लड़ने की शक्ति प्राप्त होती है.

भोजन में सम्मिलित पोषक तत्वों की मात्रा के कम या अधिक होने से व्यक्ति रोगी बना रहता है. इसलिए संतुलित भोजन का विशेष महत्त्व होता है. संछेप में कहा जा सकता है की प्रोटीन शरीर के निर्माण कार्यो को पूर्ण करता है जोकि कार्बोहाइड्रेट की साहयत से होता है.

वसा शारीरिक विकास में सहायक है. और विटामिन्स शरीर को सुरक्षा व् रोग निरोधक बनाए रखने में सहायक है.

शरीर की विभिन्न क्रियओं खनिज लवण नियंत्रण करते है जिससे व्यक्ति स्वस्थ रह सके तथा एन सभी कार्यो के लिए ऊर्जा प्रदान करने में सहयोगी होती है वसा व कार्बोहाइड्रेट.

भोजन के पोषक तत्व –

भोजन शाकहारी व मांसहारी होई भी हो, ये तत्व दोनों प्रकार के भोजन के मुख्य तत्व होते है.

जैसे:-

ये सभी तत्व व्यक्ति को समुचित विकास, वृध्दि व विभिन्न शारीरिक व् मानसिक क्रियाकलापों के लिए अति आवश्यक होते है.

प्रत्येक भोजन में कुछ ना कुछ पोषक तत्व अवश्य पाए जाते हैं। किसी भोजन में कोई एक पोषक तत्व अधिक मात्रा में होता है तथा दूसरा पोषक तत्व बहुत कम मात्रा में होता है।

यदि हम लगातार एक ही प्रकार का भोजन करते रहेंगे तो हमारे शरीर में उस विशेष पोषक तत्व की अधिकता हो जाएगी तथा अन्य पोषक तत्वों की कमी हो जाएगी।

ऐसी स्थिति में हमारा शरीर बीमार हो सकता है इसीलिए हमें बीमारी से बचने के लिए, और अपने शरीर को अच्छे से ऊर्जावान रखने के लिए ऐसा भोजन करना चाहिए जिसमें विटामिंस, प्रोटींस, खनिज लवण, कार्बोहाइड्रेट, बसा, और जल यह सभी एक संतुलित मात्रा में उपस्थित हूं।

इस प्रकार सभी पोषक तत्वों से भरे हुए भोजन को एक संतुलित भोजन कहते हैं और हमें हमेशा संतुलित भोजन नहीं करना चाहिए। संतुलन को अंग्रेजी में बैलेंस डाइट भी कहते हैं।

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