कशेरुक दंड क्या होता है? Kasheruk Dand Kya Hai

कशेरुक दंड क्या होता है? Kasheruk Dand Kya Hai

Kasheruk Dand Kya Hai | कशेरुक दंड क्या होता है? | Merudand kya hai | मेरुदंड क्या है?

आज हम कशेरूक दंड के बारे में जनेगे। कशेरूक दंड को मेरुक दंड भी कहते है। इसी से हमारे शरीर को आधार मिलता है और हामर शरीर की सभी अंग सुचारु रूप से चलते है। वैसे तो कशेरूक दण्ड सभी जीव जंतुओ में पायी जाती है। लेकिन मनुष्य के लिए कशेरूक दण्ड का विशेष महत्व होता है।

कशेरूक दण्ड मानव शरीर में सर के निचले हिस्से से लेकर धड़ के निचले हिस्से तक की अस्थि संरचना को कहते है। सभी पुरुषों में कशेरूक दण्ड की लम्बाई लगभग 71 सेमी और सभी महिलाओं में कशेरूक दण्ड की लम्बाई लगभग 61 सेमी होती है।  आपकी सुबिधा और समझ के लिए बता दे की कशेरूक दण्ड को रीड की हड्डी भी कहते हैं।

हम अपने पिछले पोस्ट में अस्थि संस्थान और अस्थियों के वर्गीकरण के बारे में पढ़ चुके है। यह भी अस्थि संस्थान का ही महत्वपूर्ण अंग है।

Kasheruk Dand Kya Hai कशेरुक दंड क्या होता है?

कशेरूक दण्ड हमारे शरीर की रीड़ की हड्डी को कहते है। यह हमारे शरीर की मुख्य अस्थि संरचना होती है इसका स्थान सर के निचले हिस्से से लेकर धड़ के निचले हिस्से तक होता है। सभी पुरुषों में कशेरूक दण्ड की लम्बाई लगभग 71 सेमी और पुरुषों में कशेरूक दण्ड की लम्बाई 61 सेमी होती है।  

कशेरूक दण्ड Kasheruk Dand


गर्दन के नीचे तक बीचोबीच एक उभरी हुई हड्डी जाती है। यही वास्तव में कशेरुका स्तंभ या मेरुदंड है। कशेरुका हमारे शरीर का मुख्य आधार है और इसमें शरीर की सभी प्राय मुख्य अस्थियां आकर मिलती हैं।

साधारणतया है देखने में यह एक हड्डी मालूम होती है। परंतु वास्तव में यह अनेक छोटी-छोटी तथा टेढ़ी-मेढ़ी हड्डियों से मिलकर बनी होती है। प्रत्येक हड्डी को कशेरुका कहते हैं।

मनुष्य के कशेरुक दंड में कितनी अस्थियां होती है?

मनुष्य का जब जन्म होता है तो बचपन के समय बालक की कशेरुक दंड में 33 कशेरुकाओं होती हैं। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है तो उसके कशेरुक दंड की 9 कोशिकाओं में से पिछली पांच कशेरुका ए मिलकर एक कशेरुका बनाती है।

इस प्रकार एक वयस्क मनुष्य के शरीर में कुल 26 कशेरुका रह जाती हैं यह निम्न प्रकार से वर्गीकृत हैं:

प्रथम 7

इन्हें ग्रीवा कशेरुकाओं कहते हैं. यह गर्दन का भाग बनाती हैं.

द्वितीय 12

इन्हें अभी पृष्ठ कशेरुकाओं कहते हैं. यह कसूर उपाय हमारे शरीर में छाती के पीछे का भाग बनाती हैं.

तृतीय 5

इन्हें कटी कशेरुकाओं कहते हैं. कटि कशेरुकाओं का मुख्य काम कमर का बनाना होता है.

अंतिम 9

अंतिम नौ कशेरुकाओं को श्रेणी गुहा बनाने वाली कशेरुकआए कहते हैं। इनमें से प्रथम पांच त्रिकास्थि कहलाती है जो बड़े होने पर एक अस्थि बन जाती है। और अंतिम चार अनुत्रिक कहलाती है। इनको पूँछ कशेरुकाएं भी कहते हैं। यह भी बड़ी होने पर एक अस्थि बन जाती है।

कशेरुक दंड के कार्य

  • यह शरीर को आधार स्तंभ की भांति सीधा रखता है। इससे शरीर इधर-उधर लुढ़कता नहीं है।
  • खोपड़ी का कंधों के बाहर को संभालता है।
  • मेरुरज्जु की बाहरी आघातों से रक्षा करता है।
  • विभिन्न आंतरिक अंगों को सादर सुरक्षा प्रदान करता है बख्श ब उधर के अंगों को सर्वाधिक सुरक्षा प्रदान करता है।
  • गमन में सहायक है।
  • शरीर को इधर उधर मोड़ने, घुमाने में सहायता करता है।

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